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About the Author
हकीम मोमिन ख़ां ‘मोमिन’ का जन्म सन 1800 में दरिया गंज, दिल्ली के कूचा चेलां में हुआ था। घर में इनका नाम हबीब उल्लाह रखा गया था, परन्तु पिता की शाह अब्दुल अज़ीज़ के प्रति अपार श्रद्धा के कारण और उनके कहने पर ही इनका नाम ‘मोमिन’ रख दिया गया। ‘मोमिन’ ख़ां ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शाह अब्दुल क़ादिर ख़ां की देख-रेख में हाशिल की। ‘मोमिन’ ख़ां ने भी जवानी में कदम रखते ही अपने पिया से हिकमत की शिक्षा लेना आरम्भ कर दिया। इसलिए आप भी दिल्ली के नामी-गिरामी हकीम बन गये। हिकमत के अलावा ‘मोमिन’ एक महँ ज्योतिषी भी थे। इनके ज्योतष ज्ञान का पता उनकी इस भविष्यवाणी से हो जाता है। उन्होंने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि पांच हफ़्ते, पांच महीने अथवा पांच बरस में मेरा चोला छूट जायेगा और यही हुआ भी। इस भविष्यवाणी करने के ठीक पांच महीने बाद ही आपका निधन हो गया। ज्योतिष होने के अलावा ‘मोमिन’ शतरंज के एक बहुत उम्दा खिलड़ी भी थे। तत्कालीन दिल्ली में उनका नाम कुछ नामवर खिलाड़ियों में गिना जाता था। खेलने बैठते थे, तो दीन-दुनिया को भूल जाते थे। ‘मोमिन’ को शे’रो शाइरी का शौक़ बचपन से ही था। प्रारम्भ में वह शाह नसीर से इस्लाह लिया करते थे, परन्तु बाद में वह अपने कलाम को ख़ुद ही ठीक करने लगे। अपने इसी फ़न के कारण उनका नाम देश के नामी शाइरों में शामिल हो गया।.
Product details
Publisher : Manjul Publishing House
Language : Hindi
Paperback : 140pages
ISBN-10 : 9389143586
ISBN-13 : 9789389143584
Item Weight : 270g
Dimensions : 20 x 14 x 4 cm
Country of Origin : India
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